द फॉलोअप नेशनल डेस्क
संदेशखाली मामले में आज बड़ा यूटर्न आया है। टीएमसी नेताओं पर रेप का केस करने वाली महिला ने अपना केस वापस ले लिया है। महिला ने कहा है कि केस दर्ज होने से पहले बीजेपी के कुछ लोग उसके पास आये थे। उन्होंने महिला से सादे कागज पर साइन करवा लिया। इसके बाद रेप का केस दर्ज करा दिया गया। महिला ने अपने बयान में आगे कहा, मेरा कोई यौन उत्पीड़न नहीं हुआ है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार महिला के केस वापस लेने पर उसे अब धमकियां मिल रही है। इसे लेकर महिला ने संदेशखाली पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया है।
क्या कहा महिला ने अपने बयान में
कथित पीड़िता महिला ने अपने बयान में कहा, 'मेरे साथ टीएमसी के दफ्तर में कोई यौन उत्पीड़न नहीं हुआ था। मुझे पार्टी के दफ्तर में देर रात जाने के लिए भी बाध्य नहीं किया गया।' महिला ने आगे कहा, 'उन लोगों ने मेरे साइन लिए और कहा कि आपको पीएम आवास योजना का लाभ मिलेगा। इसके बाद वह मुझे पुलिस थाने ले गए और यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कराया।' बता दें इस रेप केस के बाद प बंगाल में सियासी कोहराम मच गया और लोकसभा चुनाव में बीजेपी इसे एक बड़ा मुद्दा बनाने में कामयाब रही।
टीएमसी ने किया बीजेपी पर हमला
महिला के केस वापस लेने के बाद टीएमसी नेताओं को बीजेपी पर हमले का अवसर मिल गया रहै। राज्य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री शशि पंजा ने कहा कि जो महिलाएं शिकायत वापस ले रही हैं, उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी भी बीजेपी के लोग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को बीजेपी ने ही बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था और अब शिकायत वापस लेने पर महिलाओं को धमकी दी जा रही है। इधर, टीएमसी ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए बीजेपी किस हद तक गिर सकती है, इसे लोगों को इस घटना से समझ लेना चाहिये।
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